राजस्थान के बड़े क्षेत्रफल के ज़िलों में बाड़मेर का नाम गिना जाता है। लगभग 28,387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस शहर में थार रेगिस्तान का एक हिस्सा शामिल है। इसके उत्तर में जैसलमेर तथा दक्षिण में जालोर शहर हैं।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाला रणथम्भौर का क़िला, ऐतिहासिक और रोमांचक है। विन्ध्या और अरावली की पहाड़ियों से घिरा यह क्षेत्र क़िले, मंदिर और रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के लिए, पर्यटकों की पहली पसंद है।
पर्यटकों के लिए भरतपुर मूलतः पक्षी विहार है। भरतपुर का नाम भगवान श्रीरामचन्द्र जी के भ्राता ’भरत’ के नाम पर रखा गया। दूसरे भाई लक्ष्मण, भरतपुर के राज परिवार के कुलदेवता के रूप में प्रतिष्ठित है
‘‘वेनिस ऑफ द ईस्ट’’ नाम दिया गया है इस शहर को। झीलों की नगरी उदयपुर अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। प्रसिद्ध लेक पैलेस पिछौला झील के मध्य में स्थित है जो कि उदयपुर के सबसे सुंदर स्थलों में से एक है। इसकी खूबसूरती दुनियां भर में मशहूर है।
पर्यटन के त्रिकोणीय सर्किट का महत्वपूर्ण शहर जैसलमेर जहाँ राजस्थान में आने वाला हरेक देशी और विदेशी पर्यटक अपने ट्रिप में जैसलमेर को शामिल करना नहीं भूलता। ‘
जयपुर की स्थापना सन् 1727 में की गई थी। आमेर के राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा इस शहर का निर्माण करवाया गया। बढ़ती आबादी और पानी की कमी के कारण उन्होंने अपनी राजधानी को आमेर से इस नए शहर जयपुर में स्थानान्तरित कर दिया।
यहाँ के पहाड़ों में, नायाब हरे रंग का संगमरमर निकलता है, जो कि दुनियाँ भर की इमारतों में जड़ा जाता है। अरावली पहाड़ियों की तलहटी में बसा यह शहर, एक तरफ कठोर और जंगली है तो दूसरी तरफ उपजाऊ मैदानों से भरा है।
राजपुताने का गौरव, शौर्य और बलिदान की स्थली - चित्तौड़। चारणों द्वारा गाई गई शौर्य गाथाओं में आज भी यहाँ की कहानियाँ सुनने को मिलती हैं। चित्तौड़गढ़ का क़िला, 180 मीटर ऊँची पहाड़ी पर बना और 700 एकड़ में फैला सर्वोत्तम तथा सबसे बड़ा क़िला है।
सागर, कुण्ड और बावड़ियों का शहर सुख, चैन और सुक़ून की तलाश में नोबेल पुरस्कार विजेता रूडयार्ड किपलिंग ने अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘‘किम’’ का कुछ अंष, बून्दी में सुखमहल के शांत वातावरण में बैठकर लिखा।
‘रेगिस्तानी जहाज़’ यानी ऊँट। दुनियाँ का सबसे बड़ा ऊँट अनुसंधान और प्रजनन केन्द्र बीकानेर में है। बीकानेर की स्थापना सन् 1488 ई. में, राठौड़ राजकुमार राव बीकाजी ने की थी।
राजस्थान के सुदूर दक्षिणांचल में अरावली की सुरम्य पहाड़ियों के बीच स्थित बांसवाड़ा की स्थापना महारावल जगमालसिंह ने की। वागड़ (बांसवाड़ा - डूंगरपुर) - मेवाड़, मालवा एवं गुजरात की संस्कृति का संगम स्थल है।
यह शहर राजस्थान का सिंहद्वार है और आदिकाल में मत्स्य देश के नाम से भी जाना जाता है। यहीं पर महाभारत के शक्तिशाली नायक पांडवों ने 13 वर्षों तक निर्वासन के अन्तिम वर्ष बिताए थे।
अजमेर में ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और 14 कि.मी. की दूरी पर पुष्कर में ब्रह्मा जी के मंदिर के कारण, यहाँ दो संस्कृतियों का समन्वय होता है। 7 वीं शताब्दी में राजा अजयपाल चौहान ने इस नगरी की स्थापना ‘अजय मेरू’ के नाम से की।
राजस्थान के सूखे रेगिस्तान में, माउण्ट आबू एक ताज़ा हवा की तरह है। अरावली की पहाड़ियों की सबसे अधिक ऊँचाई पर, लगभग 1,722 मीटर समुद्र तल से ऊपर माउण्ट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है।