जोधपुर
पारम्परिक और आधुनिक वैभव का अभूतपूर्व संगम
जोधपुर थार मरूस्थल का प्रवेश द्वार है। एक नजर शहर पर डालें तो सभी मकान हल्के नीले रंग के दिखाई देते हैं, जैसे आसमान उतर आया है जमीन पर। लाल रंग के पत्थरों का समृद्ध किला और उसके पास मोती सा चमकता जसवन्त थड़ा। किले, महल, मंदिर, हवेलियाँ और बहुत सारे पर्यटन स्थल, जोधपुर को पर्यटकों में लोकप्रिय बनाते हैं। ’ब्लू सिटी’ के नाम से लोकप्रिय ‘जोधपुर’ राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहाँ अधिकांश स्थापत्य - महलों, मंदिरों, हवेली और यहां तक कि घरों को भी नीले रंग से रंगा गया है। वर्ष भर सूर्य यहाँ अपनी विशेष दमक दिखाता है। अतः जोधपुर को ’सूर्य नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। मेहरानगढ़ का विशाल भव्य किला इस शहर को एक अलग ही पहचान देता है जो एक पहाड़ी चट्टान पर आठ द्वारों के साथ विद्यमान है। किले के बाहर नया नगर है। इसीलिए जोधपुर में पारंपरिक और आधुनिकता का एक सुंदर सम्मिश्रण नजर आता है। जोधपुर केवल यहीं पाए जाने वाले मारवाड़ी या मालानी घोड़ों की दुर्लभ नस्ल के लिए भी जाना जाता है। इस समृद्ध शहर का सम्पूर्ण इतिहास राठौड़ वंश के इर्द-गिर्द घूमता है। राठौड़ प्रमुख राव जोधा ने 1459 ईस्वी में जोधपुर का निर्माण किया। शहर की प्राचीन राजधानी, मण्डोर के स्थान पर जोधपुर को बनाये जाने के भी उल्लेख मिलते हैं। जोधपुर और आस पास के इलाकों के लोगों को आज भी ’मारवाड़ी’ के नाम से जाना जाता है। जोधपुर के प्रमुख आकर्षण और दर्शनीय स्थल - आइए, जोधपुर के आकर्षक स्थलों की सैर करें। राजस्थान में बहुत कुछ नया-निराला है, देखने के लिए।