अजमेर सरकारी संग्रहालय अजमेर में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है ।1570 में बना यह पौराणिक संग्रहालय मुगल सम्राट अकबर के शानदार गढ़वाले महल के भीतर स्थित है।...
बाहर की तरफ से भगवान कृष्ण के मुकुट जैसा दिखाई देने वाला यह महल अनूठा है। सन् 1799 ई. में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया यह महल पाँच मंज़िला है।...
नाहरगढ़ किले के दायरे में अरावली की तलहटी में, जयपुर वैक्स संग्रहालय है, जिसकी यात्रा आपको विस्मय से भर देगी। यह संग्रहालय एंटरटेनमेंट 7 वेन्चर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है।...
पुरातत्व और संग्रहालय विभाग द्वारा स्थापित यह संग्रहालय जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। सबसे मुख्य यहाँ प्रदर्शित राजस्थान के राज्य पक्षी ’गोडावण’ की ट्रॉफी है।...
झालाओं की समृद्ध रियासत के सबूत इस संग्रहालय में मिलते हैं। 1915 ईस्वी में स्थापित झालावाड़ सरकारी संग्रहालय राजस्थान के सबसे प्राचीन संग्रहालयों में से एक है जहाँ दुर्लभ चित्रों, पांडुलिपियों और प्राचीन मूर्तिशिल्पों का नायाब संग्रह है।...
उम्मेद बाग के मध्य में बने जोधपुर राजकीय संग्रहालय में शस्त्रागार, शाही वस्त्र आभूषण, स्थानीय कला और शिल्प, लघु चित्रकारी, शासकों के चित्र, पांडुलिपियां और जैन तीर्थंकरों की छवियों सहित प्राचीन अवशेषों का एक समृद्ध संग्रह है।...
महाराव माधो सिंह संग्रहालय गढ़ महल की दीवारों के भीतर स्थित है, महाराव माधो सिंह संग्रहालय कोटा विद्यालय के राजपूत लघु चित्रों का एक शानदार संग्रह है।...
पश्चिमी क्षेत्र में सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान, लोंगेवाला का युद्ध सबसे बड़ा साहसिक कार्य था तथा यह अजेय-बाधाओं को पार करते हुए, हिम्मत और बहादुरी से की गई जंग की प्रेरणादायी कहानी है।...
ऑसलर ( काँच के झूमर बनाने वाली यू. के. की प्रसिद्ध कम्पनी ) के कट ग्लास की उत्तम दर्जे की कम्पनी का बेहतरीन संग्रह उदयपुर की क्रिस्टल गैलेरी में मौजूद, सब से बड़े और महंगे संग्रह में से एक है। सजावटी कला की दुनियां में, इन वस्तुओं में अन्तर और क्वालिटी का वैभव देखने पर, आप कह सकते हैं कि यह एक मात्र अनुपम संग्रह है।...
अरावली की पहाड़ियों के किनारे पर, ऊँचाई पर बसा नाहरगढ का क़िला, जयपुर शहर को ऊँचाई से देखता हुआ, हमेशा से ही एक प्रसिद्ध पर्यटक गन्तव्य रहा है। इस रंगीन ऐतिहासिक क़िले में अब एक और दिलचस्पी का अध्याय जुड़ गया है, जिसे राजस्थान सरकार की पहल पर एक स्कल्पचर पार्क इस क़ि़ले में बनाया गया है।...
19वीं शताब्दी के अंत में निर्मित श्वेत संगमरमर का आकर्षक स्मारक, नायक जसवंत सिंह को समर्पित है। जोधपुर पर शासन करने वाले जसवंत सिंह ने अपने राज में अनेक निर्माण और विकास किए।...
जोधपुर का मेहरानगढ़ का क़िला, एक ऊँची शिला (चट्टान) पर बना है, जो कि आस पास के मैदानी भाग से लगभग 400 फुट की ऊँचाई पर है और देखने पर ऐसा लगता है कि पठारी और पहाड़ी दोनों भाग सम्मिलित होकर परिदृश्य प्रस्तुत करते हैं। राजस्थान के भव्य क़िलों में से एक ,इस क़िले में बेहतरीन महल दृष्टिगत होते हैं तथा इसमें भारत के शाही दरबार के जीवन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण और बेशक़ीमती वस्तुएं, अवशेष आदि संग्रहण करके एक म्यूज़ियम (संग्रहालय) में सुरक्षित व संरक्षित रखे गए हैं।...
आइए, देखिए मेहरानगढ़ फोर्ट के साथ ही आगे की ओर बना हुआ ’चोखेलाव बाग’। यह दो सौ साल पुराना बाग़, जिस की विभिन्न बनावट, मनभावन गूंज और सुगन्धित फूलों से भरपूर है तथा अठाहरवीं शताब्दी के पुराने मारवाड़ के बाग़ बगीचों जैसे इस बाग़ को मेहरानगढ़ म्यूज़ियम ट्रस्ट द्वारा एक बोटैनिकल म्यूज़ियम के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।...
अहिछत्रगढ़, नागौर फोर्ट (क़िला) और म्यूज़ियम (संग्रहालय)
जोधपुर
अहिछत्रगढ़, नागौर फोर्ट (क़िला) और म्यूज़ियम (संग्रहालय)
नागौर शहर में स्थित अहिछत्रगढ़, जिसे ’फोर्ट ऑफ हुडेड कोबरा’ अर्थात ‘नागराज का फण’ कहा गया है, लगभग छत्तीस एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है तथा सन् 1980 तक यह क़िला उपेक्षा का शिकार था। सन् 1985 में इस क़िले को मेहरानगढ़ म्यूज़ियम ट्रस्ट के संरक्षण में दे दिया गया।...
आम्रपाली ज्वेल्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापकों द्वारा आम्रपाली संग्रहालय एक पहल है। यह संग्रहालय जयपुर शहर में स्थित भारतीय आभूषण और कलात्मक वस्तुओं को समर्पित है।...