थार रेगिस्तान के विभिन्न वन्यजीवों का सबसे अच्छा पार्क है। पार्क में रेत के टीले, यत्र तत्र चट्टानों, नमक झीलों और अंतर मध्यवर्ती क्षेत्रों का गठन किया गया है।...
बीकानेर से केवल ३२ किलोमीटर दूर जैसलमेर रोड पर स्थित एक हरे भरे जंगल में नीलगाय, चिंकारा, काली हिरन, जंगली सूअर, मुर्ग पक्षी ,भेड़-बकरियों के झुंड और प्रवासी पक्षियों की कई अन्य प्रजातियां हैं।...
करौली में मंदिर, महल और क़िले के अलावा एक अभ्यारण्य भी है। कैला देवी मंदिर के पास घने जंगलों में बाघ, लोमड़ी, चिंकारा, नीलगाय, तेंदुआ, सियार आदि को इस अभ्यारण्य में चिंतारहित विचरण करते हुए देखा जा सकता है।...
घने वृक्ष, तालाब तथा शोरगुल से दूर यह स्थान पक्षियों के लिए स्वर्ग समान है। इसे 1971 में संरक्षित पक्षी अभ्यारण्य तथा 1985 में ‘विश्व धरोहर’ भी घोषित किया गया।...
कोटा से लगभग 50 कि.मी. की दूरी पर रावतभाटा मार्ग पर सेलझर तथा कोलीपुरा गिरधपुरा होते हुये दरा गांव तक तथा कोटा से 50 किमी झालावाड़ रोड पर दरा गांव से कोलीपुरा सेलझर तक इस बाघ अभ्यारण्य का दृश्यावलोकन किया जा सकता है।...
जयपुर दिल्ली राजमार्ग पर जयपुर से लगभग 12 कि.मी. दूर स्थित नाहरगढ़ जैविक उद्यान, नाहरगढ़ अभ्यारण्य का एक हिस्सा है। यह अरावली रेंज के अन्तर्गत 720 हैक्टेयर का एक बड़ा क्षेत्र है।...
अलवर के सरिस्का क्षेत्र को ’दुनिया का पहला बाघ अभ्यारण्य’ कहा गया है। सन् 1955 में इसे अभ्यारण्य घोषित किया गया था तथा 1979 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।...
सिटी सेन्टर से 8 कि.मी. की दूरी पर मॉनसून पैलेस के नीचे की तरफ उदयपुर का बायोलॉजिकल पार्क बनाया गया है, जिसे ’सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क’ के नाम से जानते हैं।...
राजस्थान में वन्यजीव अभ्यारण्यों की कमी नहीं है और उनमें से यह एक महत्वपूर्ण अभ्यारण्य है ’माउण्ट आबू अभ्यारण्य’। अरावली की सबसे प्राचीन पर्वतमाला के पार, यह अभ्यारण्य काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है तथा बड़ी संख्या में वन्यजीवों का घर है।...
लम्बे चौड़े क्षेत्र में फैला, झालाना सफारी पार्क जयपुर का एक सुन्दर पार्क है जो कि विशेषकर तेंदुआ देखने के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 1978 हैक्टेयर में फैला यह जंगल, जयपुर शहर के दक्षिण पूर्व में है। सन् 1860 तक यह क्षेत्र सामंतवादी शासन के अधीन था। यह सम्पत्ति जयपुर के पूर्व महाराजा की थी तथा शाही परिवार के लिए क्रीड़ा स्थल था।...
उदयपुर और कुम्भलगढ़ घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए, कुम्भलगढ वन्यजीव अभ्यारण्य एक अच्छा विकल्प है। उदयपुर से लगभग 65 कि.मी. की दूरी पर स्थित यह पार्क उदयपुर पाली जोधपुर रोड पर है और कुम्भलगढ के विशाल किले को चारों तरफ से घेरे हुए हैं। आप चाहे एक वन्यजीव प्रेमी हों या प्रकृति के साथ घनिष्ठता की भावना रखते हों, कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य आपके लिए उत्तम वातावरण प्रदान करता है।...