Dance, Sound & Light Shows in Rajasthan - Rajasthan Tourism

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राजस्थान में नृत्य, ध्वनि और प्रकाश प्रदर्शन (डांस ,साउंड & लाइट शो )

राजस्थान में हर दिन एक उत्सव है ।अतीत में राज दरबारों में फली –फूली कला और संस्कृति का गौरव आज भी जिन्दा है। विविध नृत्य रूप, संगीत शैलियां, गीत और नाट्य राजस्थान की धरोहर है। आईए अग्रांकित सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से रंगबिरंगे राजस्थान का अद्वितीय अनुभव लें

आमेर किले पर ध्वनि और प्रकाश प्रदर्शन (साउंड एंड लाइट शो )

जयपुर के आमेर किले और महल परिसर में भव्य दृश्य प्रदर्शन (सोनेट –लुमियर शो) सम्पन्न किया जाता है । यह आमेर किला तब तक कच्छवाहा राजवंश के 28 राजाओं की भूमि रहा जब तक जयपुर उनकी राजधानी नहीं बनी । ध्वनि और प्रकाश शो के माध्यम से आमेर के गर्व, इतिहास और परंपराओं को पुनर्जीवित करने का एक शानदार प्रयास किया गया है। शो में लोक संगीत के माध्यम से किंवदंतियों से बुने लोकगीतों का मधुर गायन और उन संगीत रचनाओं और उस्तादों का उत्सव मनाया जाता है, जो आज भी राजस्थान की विशिष्ट पहचान बनाते हैं। सामने आमेर किला और महल परिसर का अनूठा दृश्य, बाईं तरफ भव्य जयगढ़ और इसके पीछे बढ़ती मनोरम पहाड़ियां इस शो को अविस्मरणीय बना देती हैं

कुंभलगढ़ किले पर ध्वनि और प्रकाश प्रदर्शन (सोनेट –लुमियर शो)

राजस्थान के सबसे शानदार प्रकाश और ध्वनि शो का आयोजन अरावली की ऊँची –नीची पहाड़ियों पर व्यवस्थित ढंग से बसे हुए भव्य कुम्भलगढ़ किले में किया जाता है। रोशनी और ध्वनियों के तारतम्य से प्रस्तरों के पीछे छिपे अनमोल इतिहास की रोचकता देखते ही बनती है जिससे यहाँ की हर शाम मुखर हो उठती है । स्थानीय लोग इस किले की दीवार को चीन की महान दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार मानते हैं।इस बात की सच्चाई स्वयं परखें, इसके लम्बे रास्ते को तय करें और ठीक 6: 45 बजे इस भव्य शो का आनंद उठायें।

राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय लोकोत्सव (ए.के.ए. जोधपुर रिफ)

लोक संगीत की मधुर तान के दीवानों के वास्तविक आनंद हेतु जोधपुर में आयोजित राजस्थान इंटरनेशनल लोक महोत्सव (रिफ ) में 250 से अधिक संगीत कलाकार भाग लेते हैं । पूरे भारत और दुनिया भर से कलाकार राजस्थान की समृद्ध संगीत विरासत का उत्सव मनाने के लिए आते हैं।

 

अपने आप में अनूठे इस लोक संगीत समारोह का आनंद लें , जो मेहरानगढ़ किले की भव्य पृष्ठभूमि में अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय लोक संगीत की कर्णप्रिय धुन की प्रस्तुतीकरण से अद्भुत समां रचता है।

 

वर्ष 2007 में मेहरानगढ़ संग्रहालय ट्रस्ट और जयपुर विरासत फाउंडेशन द्वारा एक वार्षिक उत्सव शुरू किया गया था।यह भारत के अग्रणी विरासत ट्रस्टों में से एक है, जिन्हें सामूहिक रूप से ट्राइफ सोसाइटी कहा जाता है। परंपरागत लोक संगीत और कलारूपों को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की गई है । वे इसे जैज नाईट, राजस्थानी रात्रि ,जिप्सी नृत्य प्रदर्शन, पारंपरिक नृत्य रूपों यहां तक कि अलसुबह ​​ गाये जाने वाले रागों जैसे महान कार्य के साथ पूर्णता प्रदान करते हैं। वर्तमान में इस आयोजन को चंद्र कैलेंडर के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले फसल उत्सव से जोड़ने की योजना है।

कोक स्टूडियो

संगीत जगत के दिग्गजों द्वारा किए गए जीवंत (लाईव) प्रदर्शनों के लिए कोक स्टूडियो (एमटीवी)जाना जाता है। 17 अक्टूबर 2015 को, अल्बर्ट हॉल जयपुर की पृष्ठभूमि में कोक स्टूडियो द्वारा भव्य रूप से आयोजित प्रस्तुतीकरण में अमित त्रिवेदी, राम संपत और सोना महापात्रा जैसी उत्साही संगीत प्रतिभायें थी । इस कार्यक्रम में 10,000 से अधिक लोगों ने शिरकत की

राजस्थान फैशन वीक

‘फ्लैश ऑफ कलर विद ए डैश ऑफ़ ग्लैमर’ के एक आदर्श वाक्य के साथ, 2012 से आई राजस्थान फैशन वीक ने फैशन उद्योग में एक मजबूत ब्रांड के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। देश की फैशन राजधानी जयपुर इसका मेजबान है जहां कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय डिजाइनर अपनी अनूठी कृतियों का प्रदर्शन करते हैं। खादी, कोटा डोरिया और अन्य वस्त्रों का प्रचार इसके प्रमुख आकर्षण हैं ।

म्यूज़िक इन द पार्क (उद्यान में संगीत)

एक विशेष आयोजन जो शहर के सभी संगीत प्रेमियों के लिए जयपुर के सेंट्रल पार्क में महीने के हर दूसरे शनिवार को आयोजित किया जाता है। हरियाली के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में पंडित हरि प्रसाद चौरासिया, उस्ताद अमजद अली खान, उस्ताद जाकिर हुसैन और श्रीमती शुभा मुदगल जैसे शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र के दिग्गज कलाकारों के सुंदर प्रस्तुतीकरण सम्मलित हैं।

लोकप्रिय जयपुर घराने ने आठ भारतीय नृत्य रूपों में से एक “कथक” को अपनाया था। यह रात्रि पर्यटन कार्यक्रम का एक हिस्सा है।पारंपरिक मुगल वस्त्र और लहंगा – चोली पहने महिलायें –पुरुष लयबद्ध साँचें में ढले नियंत्रित कदमों से थिरकते हैं।

म्यूजिक शो (संगीत प्रदर्शन)

सबसे आकर्षक प्रस्तुति विंडस ऑफ़ म्यूज़िक शो के नाम से लोकप्रिय है, प्रत्येक पर्यटक को इसे जरुर देखना चाहिए। मूलतः यह एक थियेटर शो है जो इतिहास, उपाख्यानों, संगीत, नृत्य और विशेष प्रभावों का सुंदर मिलन है। पूर्णतः स्पष्ट ध्वनि और राजस्थानी संस्कृति की प्रत्येक झलक का सूक्ष्मता से चित्रण इसका प्रमुख आकर्षण है ।परंपरागत कलाबाज़, युवा पुरुषों और महिलाओं के अकल्पनीय स्टंट, घूमर, अग्नि नृत्य और कालबेलिया जनजाति द्वारा उनके थिरकते कदमों के प्रदर्शन कुछ ऐसे प्रदर्शन हैं जिनकी हवा महल संगीत शो जैसी अपूर्व अनुभूति होती है । मंच भी गुलाबो मंडली, परवीन मिर्ज़ा, डेजर्ट संगीत, कैलाश राणा, आदि के रूप में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा शोभायमान है और राजस्थान की बहुरंगी समृद्ध संस्कृति की राह को उजास दे रहा है ।

राजस्थान पर्यटन और राज्य वन विभाग सम्मलित रूप से तीन दिवसीय पक्षी मेले का आयोजन करने के लिए उदयपुर में पिछोला झील के तटों पर वार्षिक रूप से एकत्र होते हैं। उदयपुर की झीलों में पक्षी प्रजातियों की विशाल संख्या है। पर्यावरण के प्रति उत्साही पर्यटकों का यह मेला स्वागत करता है जो 200 से अधिक प्रजातियों का पता लगाने के लिए यहाँ आते हैं। कोई भी वर्ष भर में विभिन्न स्थानीय प्रवासी प्रजातियां खोज सकता है। हालांकि सर्दी के मौसम में हिमालय, मध्य एशिया और यूरोप से आने वाले कई प्रवासी पक्षियों उदयपुर में आते हैं। बर्ड फेयर, विश्व स्तर पर उदयपुर को प्रसिद्ध ‘बर्ड वॉचिंग सेंटर’ के रूप में बनाने की एक पहल है। इस साल मेले का आयोजन 22 से 24 जनवरी तक किया गया।