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सुदिप्तोस्थान

सुदिप्तो की नजरों से राजस्थान

 
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सुदिप्तो डे | 25 दिसम्बर 2016

सुदिप्तोस्थान सुदिप्तोस्थान
  • ऊँट अनुसंधान केन्द्र

    ऊँट अनुसंधान केन्द्र

    रेगिस्तान का जहाज कहलाने वाला ऊँट सचमुच एक शानदार जानवर है। बीकानेर में स्थित राष्ट्रीय ऊँट / ऊँट अनुसंधान केन्द्र में आपको इस शानदार पशु की खूबियाँ जानने को मिलेंगी। हमने ऊँट की विभिन्न प्रजातियों को देखते हुए दोहरे कूबड़ (हम्प) वाले न्यूब्राधारी के बाक्ट्रेन उँट को देखा। उनके प्यारे बछड़ो के साथ समय बिताना एक सुखद अहसास देता है, और उनका जीभ से चाटना भी। हमने ऊँट के दूध से बनी आईसक्रीम भी चखी। यह स्थान देखने का समय-दोपहर 2 से 6.30 बजे तक है।

  • पैरासैलिंग

    पैरासैलिंग

    एक पंछी की नजर से राजस्थान की सुनहरी रेत को देखने के लिए पैरासैलिंग एक शानदार माध्यम है। हमने सूरज को नीचे रेत पर चमकते देखा। पैरासैलिंग के लिए सर्वोत्तम स्थान जैसलमेर है जो उसके साथ रेगिस्तान में शाही कैम्पिंग का भी अनुभव सौंपता है। यह सचमुच बेहद शानदार अनुभूति है जब सूर्यास्त के समय ऊँट अपने घरों की ओर लौट रहे होते हैं और सूरज रेत पर उनकी परछाई का प्रतिबिम्ब रचता है।

  • डेजर्ट नेशनल पार्क

    डेजर्ट नेशनल पार्क

    ऊँट से दूसरे नम्बर पर भारतीय बस्टर्ड (तुगदर) थार रेगिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण प्राणी/जीव है। जैसलमेर डेजर्ट नेशनल पार्क इसका घर है। यद्यपि इसके संरक्षण के प्रयास चल रहे हैं, पर फिर भी शायद हमारी पीढ़ी आखिरी होगी जो इसे देख रही है। साथ ही हमने बहुत सारे प्रवासी पक्षियों को भी देखा। यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। गडीसर सागर तालाब पक्षी विज्ञानी के लिए आदर्श स्थल है क्योंकि यहाँ बहुत से पक्षी आकर किलोल करते हैं।

  • सोनार किला

    सोनार किला

    प्रत्येक बंगाली के दिल के करीब है जैसलमेर का सोनार किला । सत्यजीत रे की यादगार फिल्म ‘सोनार किला‘ का यहीं पर फिल्मांकन हुआ था। बीते युग का अवशेष जैसलमेर किला 12 वीं शताब्दी में प्राचीन सिल्क मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह राजपूताना स्थापत्य को आदरांजलि है।यहाँ बलुआ पत्थर से बने सुसज्जित घर हमारे देश की राजसी विरासत के भीतर झाँकने का सुअवसर देते हैं। इस परिसर में स्थित जैन मन्दिर कमाल का है । छायाचित्रकारों को इतिहास कैद करना हो तो इस किले में आयें।

  • लाख आभूषण

    लाख आभूषण

    राजस्थान आकर भी अगर लाख आभूषण नहीं खरीदे तो आपकी राजस्थान यात्रा अधूरी है । यह रंगबिरंगे चमकदार आभूषण काँच के बने होते हैं और इसकी चूड़ियाँ विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। जयपुर का जौहरी बाजार इसके लिए सबसे आदर्श /उपयुक्त स्थान है। यहाँ खरीदारी के लिए मोलभाव किया जा सकता है। सबसे कम मूल्य के लिए हमें थोड़ा और चलना होगा ।स्थानीय विक्रेताओं से दोस्ती न करें बल्कि मोलभाव का आनंद उठायें।

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