सैंडीस्थान
सैंडी की नजर से राजस्थान
सैंडी | 15 दिसम्बर 2016
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मांगणियार
तपते रेगिस्तान पर पानी की बूंदों जैसा राजस्थानी लोक संगीत अपनी मधुर धुनों से श्रोताओं की आत्मा को तृप्त कर देता है। मांगणियार, जो संगीतकारों का एक समुदाय है , राजस्थानी संगीत का एक अमूल्य और अभिन्न अंग है । उनका संगीत पीढ़ी दर पीढ़ी राजघरानों में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करता हुआ गूंजता था। मांगणियार का संगीत युद्ध और साहस की गाथाओं , हिंदू देवी - देवताओं और रोजाना की /दैनिक जिंदगी के बारे में है। उनकी धुन रेत के धोरों पर एक रूहानी/आत्मिक अनुभव है।
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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पूर्व में भरतपुर पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाता था। सर्दियों के दौरान हजारों प्रवासी पक्षी सुदूर भूमि से यात्रा करके इस उद्यान में पहुँचते हैं। यह दुनिया के सबसे शानदार पक्षी अभयारण्यों में से एक माना जाता है, और अन्य वनस्पतियों, मछलियों और रेप्टाइल्स(सरीसृपों) के साथ 366 पक्षी प्रजातियों का घर है। यह नेशनल पार्क पक्षी विज्ञानियों और प्रकृतिप्रेमियों के लिए स्वर्ग है । पैदल सैर , साइकिल चलाते हुए या रिक्शा सवारी में इस पार्क में असीम शांति का अनुभव होता है।
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राजस्थान की स्थापत्यकला
राजस्थान में एक युग के मूक दर्शक बने महलों, किलों, और मंदिरों ने अनुपम कारीगरी से गढ़ी गई स्थापत्य शैली से प्रसिद्धि पायी है। यह हिंदू और मुस्लिम तत्वों का श्रेष्ठतम स्वरुप है और युगों पूर्व छठी शताब्दी भी मारू-गुर्जरा स्थापत्यकला की साक्षी बनी । जयपुर में आमेर किला , हवा महल, जैसलमेर में पटवाओं की हवेली, माउंट आबू में दिलवाड़ा मंदिर और जोधपुर में मेहरानगढ़ किले राजस्थान के भव्य स्थापत्य के कुछ प्रतीक हैं।
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हॉट एयर बैलून सवारी
राजस्थान के शानदार परिदृश्य को हॉट एयर बैलून सवारी के निरालेपन से अनुभव करना एक अलग ही रोमांच देता है।रेगिस्तान के ऊपर बादल की तरह बहते हुए एक पंछी बनने का सुखद अनुभव लेना, राजस्थान की राजसी सुंदरता को जी भर के देखना एक यादगार स्मृति है। गुलाबी शहर जयपुर के ऊपर मंडराना, उदयपुर की झीलों, पवित्र माहौल से सजे पुष्कर, रणथंभौर के जंगलों और नीमराना के किले –महल को निहारना सचमुच रोमांचक है । हॉट एयर बैलून सवारी सुबह -सुबह और देर शाम तक उपलब्ध है।
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देशनोक करणी माता मंदिर
14 वीं और 16 वीं सदी के मध्य हिंदू महिला संत देवी करणी माता को समर्पित ये अद्वितीय मंदिर, अपने 20,000 पवित्र चूहों के लिए विश्वविख्यात है, जो मंदिर में रहते हैं।यह मंदिर 20 वीं शताब्दी में महाराजा गंगा सिंह द्वारा बनाया गया था ।इसका अग्रभाग संगमरमर का और द्वार चांदी के हैं । चांदी के अन्य पैनल में विभिन्न किंवदंतियों और करणी माता से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया गया है। मंदिर परिसर को संगमरमर की सुंदर नक्काशी से सजाया गया है। यह मंदिर ऐतिहासिक शहर बीकानेर के पास स्थित है ।