सेक्रेडस्थान (पवित्रस्थान)
पुष्कर में पावन उत्सव समारोह
लक्ष्मी शरत | 12 दिसंबर, 2016
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ऊंट सवारी
पुष्कर के आस- पास फैले रेगिस्तान में सूर्यास्त की छवि देखने ऊंट सफारी से पहुँच सकते हैं । कस्बे के पास ही कई कैंप हैं जहाँ प्रकृति के बीच रहने का आनंद भी लिया जा सकता हैं । अपनी रुचि के अनुरूप सफारी सवारी का चयन कीजिये या फिर ऊंट गाड़ी पर सवारी का आनंद उठाईये ।
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पुष्कर कैफे
पुष्कर की मौज इसके कैफे में है, जिसका स्वयं ही एक निराला स्वाद है। एक कप कॉफी या चाय, देसी स्वाद की मिठास, दोस्तों के साथ मस्ती या वाईफाई पर काम करने के लिए, झील के किनारे या बाज़ारों में स्थित यह कैफे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की जरुरतों को पूरा करता है। पिज्जा से दाल बाटी तक, मसाला चाय से कैपेचिनो, पेनकेक्स से लस्सी तक, बस आप भोजन का ऑर्डर दें । यहाँ के खुशनुमा जीवंत माहौल में आपके लिए आनंद ही आनंद है ।
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पुष्कर बाजार
पुष्कर के बाजारों के आसपास सैर कीजिये और खरीदारी के आनंद से तृप्त हो जाईये । पुष्कर का गुलाब से अटूट संबंध है और कस्बे के आसपास के गांव उसकी खेती से महक रहे हैं। गुलाब के पानी ,गुलकंद या कुछ सुगंधित इत्रों को खरीदना मत भूलियेगा । बाजार में स्मृति चिन्ह(सोविनियर ) और स्थानीय हस्तशिल्प उपलब्ध हैं ,साथ ही यह खाद्य पदार्थों का आदर्श स्थान है। कचौड़ी और समोसे , स्वादिष्ट चाट , एक ताजा और गर्म मालपुआ यहां हर रोज तैयार किया जाता है जिसका स्वाद आप जरुर चखें ।
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संगीत प्रस्तुतियां
उत्सव हमारे आसपास आध्यात्मिक आभामंडल रचते हैं ।आयोजन स्थल के स्वरुप में जयपुर घाट पर उत्सव का आग़ाज महारानी आरती से शुरू होता है, श्लोक माहौल में तैरते हैं । योग और ध्यान दिन की लय बना देते हैं। पुष्कर झील संगीत के साथ झूमती है पूरे दिन प्रस्तुतियां चलती रहती हैं ।सूफी से लेकर बाउल संगीत, एकेपेला से वाद्ययंत्र प्रदर्शनों तक , दुनिया भर के कलाकार मधुर अनुभूति के लिए यहां एकजुट होते हैं। यहां पर प्रदर्शन करने वाले कुछ कलाकारों में दलेर मेहन्दी, गुंडेचा ब्रदर्स, पार्वती बाउल, वडाली ब्रदर्स, शशांक सुब्रमण्यम, भूंगर खान और ग्रुप शामिल हैं जैसे द सोयल जैसे अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप ।
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विरासत के पदचिन्हों पर
पुष्कर के चारों ओर घूमते हुए, प्राचीन मंदिरों, इतिहास को खोजें और मिथकों , किंवदंतियों को सुन कर आनंद लें । पवित्र पुष्कर झील के आसपास एक अनूठी कहानी सृष्टि रचयिता ब्रह्मा के चारों ओर घूमती हैं ।पुष्कर झील के आसपास 52 घाट हैं और अकेले शहर में 400 से अधिक मंदिर हैं। ब्रह्मा और सावित्री मंदिरों के अलावा प्राचीन वराह मंदिर, रंगनाथ मंदिर, पुराने और नए और शिव और विष्णु और अन्य देवी देवताओं को समर्पित मंदिर हैं।