अज्ञातस्थान
अज्ञात की नज़रों से राजस्थान
अज्ञात | सितम्बर 18, 2018
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अनछुआ, अज्ञात स्थान
राजस्थान की एक बार सैर कीजिए और आप को अनगिनत स्थान देखने को मिलेंगे और बहुत से चकित कर देने वाले स्थान फिर भी छूट जाएंगे। यह एक असलियत है कि राजस्थान में बहुत से ऐसे स्थान हैं जो आज भी अनदेखे हैं और जिन्हें प्रत्येक यात्री अपनी यात्रा की लिस्ट में अवश्य जगह देगा। राजस्थान राज्य में समृद्धि गहराई तक जमी हुई है जिसकी निर्मलता आदर्श रूप में शुद्ध और निष्कलंक है तथा आप भी इस राज्य की भव्यता में और इसकी महिमा का आनंद ले सकेंगे। इस शाही राज्य की शान इसके जीवंत रीति रिवाजों और परम्पराओं में बसी है। क्या आप जानना चाहते हैं इन असामान्य और शानदार स्थानों के विषय में ? तो हम भी आपके साथ उनके विषय में योगदान करते हैं।
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बांसवाड़ा
यहाँ पाए जाने बम्बू (बांस) के वृक्षों के जंगलों का घर है बांसवाड़ा और इसीलिए इसका नाम ’’बम्बू कन्ट्री’’ अर्थात ‘‘बांसों का देश’’ पड़ा है। इस शहर में स्थित प्राचीन मंदिर तथा महलों में शोभायमान कला के कारण तथा समय समय पर आयोजित होने वाले यहाँ की जनजाति के त्यौहार भी आप को आनंदित करते हैं। बांसवाड़ा का सिटी पैलेस भी अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण श्रेष्ठ रचनाकृति है, जिसमें हिन्दू तथा जैन मंदिर भी बांसवाड़ा के नक्शे पर दिखाई देते हैं। इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण अन्देश्वर, मदारेश्वर शिवमंदिर, अर्थुना, त्रिपुर सुंदरी और विट्ठल देव मंदिर हैं।
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डूंगरपुर
डूंगरपुर में मनोरंजक इलाके और विस्मयपूर्ण स्थानों का अनोखा सम्मिश्रण है। आप निश्चित रूप से आनंद की भावना से भर उठेंगे। इस स्थान के नक्शे पर दो विशाल नदियां सोम और माही हैं जो इस शांतिप्रिय स्थल की सुन्दरता में और अधिक बढ़ावा करती हैं। डूंगरपुर की आकर्षक वास्तुकला आपकी यात्रा को महत्वपूर्ण बना देती है और इससे भी अधिक यहाँ स्थित गैबसागर झील, यहाँ आने वालों को आध्यात्म से जोड़ती है। यहाँ आकर आप पेन्टिंग्स तथा कलाकृतियों से सजा हुआ 'जूना महल ' भी देख सकते हैं। अंतिम परन्तु किसी से कम नहीं है यहाँ का ’बादल महल’ जो कि गैबसागर झील के किनारे पर बना हुआ है तथा बेणेश्वर, गलियाकोट और देव सोमनाथ के दर्शन भी आप की यात्रा को सफल और सम्पूर्ण बनाते हैं।
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बूंदी
बूंदी पर्यटकों के लिए स्वर्ग तथा एक असामान्य और अद्भुत स्थल है। असल में, राजस्थान में यह एक ऐसी जगह है जिसे अभी तक कम देखा गया है। गढ़ पैलेस का आकर्षित करने वाला दृश्य तथा नवल सागर की चमकीली आभा नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत करती है। इसके साथ ही दूसरी झीलें, महल और यहाँ का क़िला, बूंदी के इतिहास के ठोस उदाहरण हैं। इस शहर में उन लोगों के लिए इतना कुछ भरा पड़ा है, जिन्हें खोजने और देखने की लालसा है।
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राजसमन्द
दक्षिणी राजस्थान का एक छोटा क़स्बा है राजसमन्द, जो कि आश्चर्यजनक रूप से, वास्तविकता से कम समझा जाता है। यदि आप वास्तव में कोई भिन्न स्थान देखना चाहते हैं तो वह राजसमन्द है। इस शहर का सर्वाधिक आकर्षण का स्थल है ’राजसमन्द झील’, जो कि राजसी शहर के मुख्य भूभाग के लगभग आधे हिस्से में फैली हुई है तथा इसमें सुन्दर पहाड़ों के साथ साथ इसकी पृष्ठभूमि, इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगा देती है। शाम के समय इस झील का आकर्षण और अधिक बढ़ जाता है। आप यहाँ आकर शहर से लगभग 30 - 35 कि. मी. की दूरी पर स्थित हल्दीघाटी भी देख सकते हैं, जहाँ महाराणा प्रताप और मुगल सेनाएं आपस में आमने सामने हुईं थीं तथा हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था। और हम भूल न जाएं, यहाँ पर कुम्भलगढ़ का क़िला भी है, जो आपको मोहित किए बिना नहीं रहेगा। यह यूनेस्को (UNESCO ) द्वारा नामित ’वर्ल्ड हैरिटेज साइट’ है। एक और स्थान है -नाथद्वारा के सुप्रसिद्ध मंदिर, जिनके दर्शन करना भी आवश्यक है। यह सिर्फ एक समरूपता हो सकती है परन्तु राजस्थान अपने मूल रूप में वास्तव में एक भरपूर ख़जाना है जहाँ इस तरह के नगीने उजागर होने के लिए प्रतीक्षारत हैं। आप जैसे चाहें , इन्हें खोज लें। आप नहीं जानते ‘‘जाने क्या दिख जाए’’।