कबीरस्थान
कबीर की नज़रों से राजस्थान
कबीर | सितम्बर 20, 2018
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राजस्थान में इस अक्टूबर में होने वाले समारोह देखना न भूलें
राजस्थान प्रदेश को समझने के लिए यदि कोई वाक्य है तो वह है ‘‘मुकुट में नगीना’’। भारत में विभिन्न अद्भुत स्थानों की प्रचुरता होने के बावजूद, सर्वाधिक आकर्षण का बिन्दु है राजस्थान, क्योंकि आप जो भी असंख्य अनुभव राजस्थान में पाते हैं, उनका कोई मुक़ाबला नहीं है। वैसे तो राजस्थान में प्रति माह ही बहुत कुछ देखने दिखाने के लिए है, परन्तु हम अक्टूबर माह में होने वाले समारोहों पर आपका ध्यान केन्द्रित करना चाहते हैं। और वे इस प्रकार हैं -
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आभानेरी फैस्टिवल (उत्सव), दौसा
आभानेरी उत्सव का नाम, दौसा ज़िले के एक गाँव ’आभानेरी’ के नाम पर रखा गया है, जो कि आगरा रोड पर, जयपुर से लगभग 90 कि.मी. की दूरी पर है। इस दो दिवसीय उत्सव ने पूरी दुनिया के पर्यटकों में अत्यधिक प्रसिद्धि प्राप्त की है। इस बार यह उत्सव 10 से 13 अक्तूबर तक होने जा रहा है, जिसमें विभिन्न राजस्थानी और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा कच्छी घोड़ी, कालबेलिया, घूमर और भवई आदि नृत्यों के प्रदर्शन किए जाएंगे। सन् 2008 में, इस उत्सव की शुरूआत राजस्थान के पर्यटन विभाग द्वारा की गई थी तथा राजस्थान के लिए यह बहुत अधिक सार्थक और महत्वपूर्ण है। आभानेरी के गाँव का असली नाम ‘‘आभा नगरी’’ था, जिसका अर्थ होता है ‘‘आभा / चमक का शहर’’। यह स्थान, यहाँ पर स्थित एक हजार वर्ष से भी अधिक पुरानी बावड़ी ‘‘चाँद बावड़ी’’ के कारण बहुत प्रसिद्ध है। यह बावड़ी राजस्थान की अन्य बावड़ियों में सब से अधिक विशाल है। आइए, आभानेरी में होने वाले इस संगीतमय उत्सव का हिस्सा बनिए, इसमें भाग लीजिए और राजस्थान के पारम्परिक संगीत के देहाती आकर्षण में डूब जाइए।
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पवित्र पुष्कर उत्सव
अक्टूबर 12 से 14, 2018
पवित्र पुष्कर उत्सव में आपको नई ध्वनियां, नए दृश्य और नए विचार मिलेंगे। क्योंकि यहाँ इस अवसर पर बहुत ही अनुभवी प्रशिक्षक, विशेषज्ञ और संगीतकार एक साथ इकट्ठा होते हैं तथा प्ररेणादायक जीवन जीने के लिए नए विचारों का योगदान देते हैं। इस पवित्र उत्सव में विश्वस्तरीय संगीत सुनने को मिलता है, जहाँ आप पवित्र / पावन संगीत की विविध परम्परागत शैलियां जैसे सूफी, गॉस्पेल (ईसा मसीह से सम्बन्धित सुसमाचार) एकापेला (बिना किसी वाद्य के संगीत) और लोक संगीत आदि सुनने को मिलेंगी। जिन लोगों को शहर के हलचल भरे जीवन से विरक्ति की इच्छा होती है, उनके लिए अपने शरीर को आरोग्य करने के लिए यहाँ पर एक ’सेक्रेड हीलिंग गार्डन’ भी है, जहाँ प्रशिक्षित चिकित्सक अपनी प्रभावी मसाज और चिकित्सा द्वारा सेवाऐं देते हैं जैसे ’बोवेन टेक्नीक’, ‘मारमा थेरेपी’ और आयुर्वेद मसाज इत्यादि। और वे लोग जो कि उस शहर के आध्यात्मिक अन्वेषण में खोज करना चाहते हैं तथा घुल मिल जाना चाहते हैं, उनके लिए निर्देशित रूप से घूमने का कार्यक्रम है जिसमें आपको पुष्कर की शाही विरासत के बारे में जानकारी दी जाएगी। और वे लोग जो कि स्थायी खाद्य पदार्थों तथा दीर्घकालिक खाद्य पदार्थों के पक्षधर हैं, उनके लिए यहाँ जैविक खाद्य पदार्थों की विभिन्न मनोरम क़िस्में उपलब्ध हैं जिनमें से वे अपनी पसंद के व्यंजन चुन सकते हैं।
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कबीर यात्रा - जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर
2 से 8 अक्टूबर, 2018
राजस्थान का थार मरूस्थल छः दिनों तक भावपूर्ण संगीत के लिए एक मंच बन जाता है। उसी के साथ एक यात्रा संगीत समारोह के रूप में 'कबीर यात्रा 'है जो कि अपना भ्रमण जैसलमेर, जोधपुर और बीकानेर शहरों तथा उसके आसपास के क्षेत्र में करती है। कबीर, मीरा, चैतन्य, रहीम और सूरदास की कविताओं के भक्तिमय रूप में आप डूब जाइए, जो आपको एक अलग नई स्वप्निल दुनियां में ले जाते हैं । कबीर यात्रा के लिए थार का मरूस्थल एक उत्तम स्थान प्रदान करता है और यहाँ रेत के धोरों के बीच आध्यात्मिक स्त्रोत व भजनों के लिए उपयुक्त स्थान मिलता है जो कि शहर की रेलमपेल और शोर से दूर है।
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दशहरा और एेडवेन्चर फैस्टिवल (साहसिक उत्सव) - कोटा
सन् 1723 ए. डी. से कोटा में ,दशहरे के जश्न को धूमधाम से मनाया जाता है। महारावल दुर्जनशाल सिंह हाड़ा के शासन के समय से शुरू हुआ कोटा का यह दशहरा उत्सव ,एक विशिष्ट आकर्षण से भरपूर होता है जिसमें आप प्रमुख कलाकारों की प्रस्तुतियां देख सकते हैं। दशहरे के दिन लगभग 75 फुट ऊँचे रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले बनाकर जलाए जाते हैं। जो कि बुराई पर अच्छाई की विजय का सूचक हैं। दशहरे के उत्सव के दौरान कोटा के पूरे शहर में इस उत्सव का उत्साह देखने को मिलता है तथा इसमें आसपास के सभी क्षेत्रों के लोग इस भव्य समारोह को देखने के लिए इकट्ठा होते हैं। दशहरा उत्सव के साथ ही कोटा में तीन दिन का ’साहसिक उत्सव’ (एेडवेन्चर फैस्टिवल) भी आयोजित किया जाता है जिसमें उत्साहित दीवाने, अपने साहस के कमाल दिखा कर अपनी पिपासा को शांत करते हैं। कोटा शहर में पानी के स्त्रोत प्रचुर मात्रा में होने के कारण, यह साहसिक उत्सच चम्बल नदी और किशोर सागर तालाब पर मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान आप साहसिक क्रीड़ाएं जैसे रॉक क्लाइम्बिंग (पहाड़ पर चढ़ना) मछली पकड़ना, ट्रैकिंग, कयाकिंग (नाव चलाना) आदि का आनन्द ले सकते हैं।
समय आ गया है कि आप लोग अपनी यात्रा की योजना बनाएं।