डेविडस्थान
डेविड की नजरों से राजस्थान
डेविड | 11 सितम्बर 2017
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                      सिलिसेढ़ झील7 किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत आकर्षक कृत्रिम झील सिलिसेढ़ राजस्थान के अलवर जिले के निकट है। हम अलवर जाने के रास्ते पर ही थे और सोच रहे थे कि कहाँ ठहरें। यह लापरवाही लग सकती है पर कभी- कभी बिना किसी पूर्वयोजना के की गई यात्राओं का अपना अलग ही रोमांच होता है। अलवर शहर से 13 किलोमीटर दूर सिलिसेढ़ झील अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। यहाँ स्थित सिलिसेढ़ कोर्ट पैलेस ने हमे बेहद आकर्षित किया। यह अब विरासत होटल है। मैं बहुत खुश था , इस होटल की मनमोहक सुंदरता और सप्तांहत की छुट्टियों का आनंद वाकई हमें मिल गया था। 
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                      शानदार आवासमहाराज विनय सिंह ने अपनी रानी शिला के लिए 1845 में यह सिलिसेढ़ लेक पैलेस बनवाया था। इसका शानदार स्थापत्य आश्चर्यचकित करता है। रमणीय शांत सिलिसेढ़ झील का जादू यहाँ प्रतिबिम्बित होता है। रेस्तरां की छत पर भोजन करना भी एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि यहाँ सिर्फ बी.एस.एन.एल. नेटवर्क ही चलता है। अन्य नेटवर्क नहीं। हम इस बात से बड़े खुश थे की हम आराम से बिना फोन और व्हाटस एप के शांति से रह सकते थे। सचमुच इस यात्रा के रोमांच ने हमारा कायाकल्प कर दिया । 
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                      सप्ताहंत (वीकेंड) यात्रा का आनंदहोटल की खूबसूरती इसका अरावली की जंगल की ओर जाने वाली ढलान पर स्थित होना है, जो झील की पृष्ठभूमि में है। यह हमारी आँखों को सुकून पहुँचाता है। मैंने बालकनी से सूर्यास्त देखा ,ऐसा लगता था वृक्ष छायाकृति में बदल गये हैं। स्वादिष्ट गर्मागर्म खाना था और ठंडी हवायें हमारे बालों से खेल रही थी। हमारी सप्ताहंत (वीकेंड) यात्रा का आनंद ही कुछ ओर था। यदि आप इच्छुक हैं तो कई अनोखे दुर्लभ पक्षी यहाँ दिखेगें। इसलिए झील के चारों ओर जाकर पक्षी विहार एक जबरदस्त विचार है। यहाँ नौका विहार भी किया जा सकता है। आर.टी.डी.सी. द्वारा इसका प्रबंध किया गया है। एक नाव किराये पर लेकर आप झील की रमणीयता और शांति पा सकते हैं। इस झील में मगरमच्छ भी हैं जो सर्दियों में धूप खाने किनारे के करीब आ जाते हैं। कभी-कभी दूर पानी में तैरते हुए उनकी नाक नजर आती है। कहा जाता है कि वे होटल की तरफ नहीं आते क्योंकि इस तरफ पानी का स्तर गहरा है। 
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                      जयसंमद झील देखेंयहाँ आने की हमारी कोई योजना नहीं थी पर अंततः हमने यहाँ जाने का निश्चय किया। 1910 में महाराजा जय सिंह ने एक विशाल कृत्रिम झील का निर्माण किया था। अलवर शहर की सड़क से इस तक पहुँचा जा सकता है। इसके किनारों पर खूबसूरत छतरियाँ हैं। कमल के आकार के आधार पर बने 7 फीट ऊँचे मंडप और स्तम्भ बेहद आकर्षक हैं। बरसात के मौसम में इस पिकनिक स्थल की चहल-पहल देखते ही बनती है। अगर आप सिलिसेढ़ झील से अलवर की ओर आ रहे हैं तो जयसंमद झील आपका वहाँ इन्तजार करती मिलेगी। यह मुख्य सड़क से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर है। 
 
				
            








