उमंगस्थान
उमंग की नजरों से राजस्थान
उमंग त्रिवेदी | 20 दिसम्बर 2016
-
जैसलमेर के निकट क्वाड बाइक
अपने हाथों से शक्तिशाली इंजन वाली बाइक को संभालना एक महान रोमांच से कम नहीं। 4 WD ATV क्वाड की सवारी और रेत पर उसके निशान से मानो नक्काशी करना इस रोमांच का एक रोचक हिस्सा है। जैसलमेर के निकट क्वाड बाइक सवारी का आनन्द लिया जा सकता है।
-
खीमसर गाँव
रेगिस्तान में पानी की बूँद जैसा महत्व रखने वाला खीमसर गाँव राजस्थान यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। रेत के टीले, लोक कहानियाँ, सुंदर दृश्य , जीप या ऊँट सफारी सचमुच आंनददायक है। यहाँ से आप नागौर किले की सैर कर सकते हैं जो खीमसर किले के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में यह एक शानदार विरासत होटल है।
-
मछिया सफारी पार्क
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान बाघों के लिए प्रसिद्ध है और एक निराली बाघिन “मछली” रणथम्भोर की रानी ,हम सबकी यादों में है।आज वो हमारे साथ नहीं है पर राजस्थान का समृद्ध वन्यजीवन आज भी है। नेवला, नील गाय, लोमड़ी और भी कई जीव –जंतु यहाँ मौजूद हैं । जोधपुर से 15 कि.मी. दूरी पर स्थित मछिया सफारी उदयान प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहाँ से 1 कि.मी. की दूरी पर आप ऐतिहासिक कायलाना झील देख सकते हैं जो 1872 में महाराजा प्रताप सिंह ने बनवाई थी।
-
लाल माँस
क्या राजस्थान की यात्रा इसके अनोखे स्वाद के लिये बिना पूरी सकती है? नही ना तो आइये स्थानीय व्यंजनों में सबसे लोकप्रिय राजसी पकवान लाल माँस का जायका लें। शाब्दिक रूप से लाल मटन का अनुवाद लाल माँस लहसुन के मसाले में बनता है और लाल मिर्च की चटनी के साथ खाया जाता है। चखकर देखिये यह अपनी तेज मिर्च और अनोखे स्वाद से आपको रिझा देगा।
-
मेयो कालेज
अजमेर के करीब स्थित मेयो कालेज वास्तुशिल्प वैभव और राजस्थान के समृद्ध इतिहास का परिचायक है। मेयो कालेज को लड़कों के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक माना जाता है। यहाँ से कई सर्वश्रेष्ठ छात्र निकले हैं और आज प्रतिष्ठित पदों पर हैं । 1875 में निर्मित यह कालेज 9 वीं शताब्दी में ब्रिटिश वास्तु विशेषज्ञ द्वारा इंडो - सार्सेनिक वास्तुकला से सजा नायाब नमूना है। इसीलिए इसमें विक्टोरियन ब्रिटिश वास्तुकला की भी झलक है।