पुनितास्थान
पुनिता की नज़रों से राजस्थान
पुनिता | 9 मई 2018
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राजस्थान फैस्टिवल के दमदार समारोह में डूबते हुए (तल्लीन होते हुए)
वर्षों से यह ’राजाओं की धरती’ राजस्थान, अपना स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाता आ रहा है। एक सशक्त और दमदार समारोह जिसमें तीन दिन तक पूरा राज्य अन्तर्निहित खुशी की लहरों के आमोद में, आनन्द में डूब जाता है। राजस्थान फैस्टिवल (उत्सव) जो कि जयपुर में मनाया जाता है, इस दौरान पूरा राज्य अपने इतिहास और विरासत को पुनर्जीवित करता है तथा चारों तरफ इस आनन्द की गूंज सुनाई देती है।
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राजस्थान फैस्टिवल (राजस्थान उत्सव)
राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा, प्रतिवर्ष इस राजसी रियासत के स्थापना दिवस को चिन्हित करने के लिए, यह उत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें प्रत्येक वर्ग और आयु के लोग प्रफुल्लित और आन्दित होकर, जिंदादिल संगीत, फिल्म फैस्टिवल, पुलिस टैटू शो, गीत संगीत से सजी रात का लुत्फ उठाते हैं। इस उत्सव में प्रदर्शित प्रत्येक कार्यक्रम, राजस्थान के सुनहरे इतिहास और परम्पराओं को जीवंत कर देता है तथा पूरे जोश और उत्साह के साथ यह उत्सव मनाया जाता है। राजस्थान की कई विरासतीय धरोहरों पर मनाया जाने वाला यह उत्सव, इन विरासतों को गौरवान्वित करता है।
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इस वर्ष का समारोह
पिछले 69 वर्षों से मनाया जाने वाला ’राजस्थान उत्सव’ अपने स्थापना दिवस पर इस विशेष प्रार्थना ‘शब्द कीर्तन’ के साथ राजापार्क गुरूद्वारे में शुरू किया गया, जिसमें ‘प्रसादी’ (प्रसाद) भी दी गई। राजस्थान के इतिहास और यहाँ के लोगों का मुख्य ध्येय भगवान द्वारा प्रदान किए गए शुभ अवसर तथा खुशियों के लिए, उसका धन्यवाद करना होता है, जिसे ‘‘मोती डूंगरी’’ गणेश जी मंदिर में ‘स्वस्ति-वचन’, ‘सहस्त्र-अर्चन’ और एक महाआरती द्वारा प्रस्तुत किया गया। समारोह की शुरूआत में अन्तर्राष्ट्रीय लघु फिल्मों, ’राजस्थान डे’ पर प्रज्जवलित की गई मशाल तथा विस्मय से भरपूर नगाड़े की गूंज ने, दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। राजस्थान समारोह की महिमामय शुरूआत के साथ, तीन दिन की यह मनोरंजक यात्रा आपको समय और परम्पराओं के साथ आगे ले जाती है।
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गतिविधियों के मेजबान (स्वागतकर्ता)
आगन्तुकों, दर्शकों के मानस - पटल पर छाप छोड़ने वाले इस समारोह में मुख्य थे - पुलिस टैटू शो, बच्चों का फिल्म फैस्टिवल और सेना द्वारा प्रस्तुत किए गए मनोरंजक कार्यक्रम। इस समारोह का प्रमुख आकर्षण शाम को प्रस्तुत किया गया, तीन कलाकारों शंकर, एहसान तथा लॉय द्वारा जादुई गीत-संगीत था, जिसने लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। राजस्थान समारोह में सभी के लिए कुछ न कुछ मनोरंजन अवश्य था - बच्चों के लिए फिल्म फैस्टिवल जिसमें ‘भागो भूत’, ’गिलि-गिलि-अट्टा’ जैसी मजेदार फिल्में ,29 व 30 मार्च को आइनॉक्स सिनेमा हॉल, क्रिस्टल पाम, जयपुर में दिखाई गईं। जिसमें बड़ी तादाद में बच्चे देखने के लिए आए और इस विशेष प्रदर्शन का आनंद लेने के लिए ‘हाउस फुल’ हो गया। दूसरी तरफ बी.एस.एफ. (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की महिला कमाण्डो टीम की ‘सीमा भवानी’ द्वारा दिखाया गया मोटर बाइक शो था, जिसे देखकर दर्शक स्तब्ध रह गए। एक और विशेष उल्लेखनीय प्रस्तुति 29 मार्च को सेना द्वारा दी गई जिसमें आर्मी बैण्ड ने वाद्य-वृंद संगीत रचना, घुड़सवारी के करतब, बवंडर का प्रदर्शन, विशेष सैनिक टुकड़ियों द्वारा विशेष युद्ध कौशल का प्रदर्शन तथा उत्सव में जान डालने वाले प्रेरक गीत थे जो कि एनसीसी के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समापन समारोह, अर्थात तीसरा दिन - 30 मार्च को राजस्थान के अतीत को श्रृद्धांजलि भेट करते हुए, विशाल प्रदर्शन की प्रस्तुति दी गई जिसमें मंत्रमुग्घ करने वाले कार्यक्रमों तथा आधुनिक तकनीक को एक साथ मूल रूप से जोड़ दिया गया। विधानसभा के विशाल भवन के सामने राजपथ पर, तीन दिवसीय राजस्थान समारोह के तीसरे और अंतिम दिन के प्रदर्शन में मंचीय प्रस्तुतियां जिनके साथ अत्याधुनिक प्रदर्शन तथा चित्रित अभिव्यक्ति द्वारा कौतूहल भरे कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसने लोगों की भीड़ को सम्मोहित कर दिया तथा लोग मन में यह निश्चय कर रहे थे कि अगले वर्ष भी इस समारोह को देखने अवश्य आएंगे।