नीलिमास्थान
नीलिमा की नजरों से राजस्थान
नीलीमा वेलान्गी | 5 अगस्त
-
तीजमाता
तीज के शुभ पर्व के अवसर पर जयपुर की चौड़ी सड़कों पर तीज माता (देवी पार्वती) की सवारी निकाली जाती है। पूरा शहर इसे देखने और देवी के दर्शन करने उमड़ पड़ता है। लोक कलाकार, बैंड, सजे –धजे हाथियों, घोड़ों और ऊंटों के साथ देवी तीज माता की पालकी पर सवारी निकलती है पर इससे पहले संपूर्ण मार्ग की सड़क के दोनों ओर किनारे-किनारे के साथ ही छतों पर दर्शकों की भीड़ उत्सुकता और श्रद्धा से पलक-पावडें बिछा देती है ।
-
झूलें
तीज –त्यौहार के सर्वाधिक रोचक पहलुओं में से एक हैं झूलें जिनकी डोर मंदिर और सार्वजनिक उद्यानों में ऊँचें -ऊँचें पेड़ों से बंधी होती है। कई दिन तक चलने वाली झूला झूलने की परंपरा को महिलायें बड़ी खुशी से निभाती हैं । उपवास के रीति रिवाज, तीज के मधुर गीत और उपहार प्राप्त करने के अनुभव हमारे लिए एक पर्यटक के रूप में कठिन हो सकते हैं , लेकिन इस त्योहार की सबसे सरल और झूला झूलने की रोचक परंपरा में हम बखूबी शामिल हो सकते हैं।
-
लहरिया साड़ी
तीज त्यौहार में महिलायें आकर्षक वस्त्रों और सुंदर आभूषणों में दिखती हैं । लहरिया साड़ी, जो अपने रंगीन तरंग जैसे प्रतिमान (पैटर्न )के लिए जानी जाती हैं, उनका सबसे पसंदीदा पहनावा है और धार्मिक महत्व भी रखता है। कुछ लोग कहते हैं कि तरंगें पानी का प्रतिनिधित्व करती हैं और इसे पहनकर महिलाएं प्रतीक के तौर पर मानसून के बादलों को आमंत्रित करती हैं।
-
घेवर
घेवर एक प्रसिद्ध मधुर मिष्ठान है जो मानसून में बड़ा स्वादिष्ट लगता है! (भाप से बनी डिस्क आकार की एक कुरकुरी मिठाई )घेवर, तीज उत्सव का एक अभिन्न अंग है। मिठाई की दुकानों में विभिन्न प्रकार से बने घेवरों की भरमार होती है, जयपुर में तैयार हुई इस मिठाई को चाशनी के साथ पैक किया जाता है। मानसून के महीनों के दौरान इस स्वादिष्ट मिष्ठान का जायका लेने में लोग पीछे नहीं रहते!
-
जयपुर मानसून
तीज पारंपरिक रूप से एक "सावन" (मानसून) त्योहार है। रेगिस्तानी क्षेत्र को मौसम की पहली बारिश के बाद जीवन का एक नया-नवेला उत्सव मनाते देखा जा सकता है , किसानों का उत्साह देखते ही बनता है और गर्मी से राहत मिलती है! तीज के दौरान जयपुर आने पर रेगिस्तान को हरीतिमा की चादर ओढ़े काले घने बादलों से आच्छादित हुआ देखा जा सकता है , एक ऐसा दृश्य जो जीवन को एक उत्सव बना देता है !