एडीस्थान
एडी की नज़रों से राजस्थान
एडी | 25 जुलाई , 2018
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फिल्मों के साथ उदयपुर की कल्पित-कथा (रोमान्स)
ब्रिटिश एडमिनिस्ट्रेटर (प्रशासक) कर्नल जेम्स टॉड द्वारा उदयपुर को ‘‘भारत महाद्धीप का सबसे अधिक रोमानी (रोमैन्टिक) स्थान’’ कहा गया है तथा यह शहर वर्षों से फिल्म बनाने वालों के लिए बेहतरीन स्थान माना जाता है। महान और ऊँचे महलों का घर, प्रभावशाली हवेलियों और संकरी तथा टेढ़ी-मेढ़ी व बंद गलियों वाले इस शहर की बेजोड़ रोमान्टिक व्यवस्था ने ही इसे बॉलीवुड तथा हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए नियमित विशेषता वाला शहर बना दिया है। यहाँ के रंग बिरंगे बाजार जिनमें विचित्र पुराने जमाने का एहसास है तथा शहर का वातावरण इसे फिल्मों की शूटिंग के लिए उत्तम स्थान बनाता है। असल में उदयपुर शहर इतना सम्माननीय है, इतना प्रसिद्ध है कि फिल्मों के बड़े पर्दे पर आप यहाँ के सुन्दर, सुहावने, मनभावन और प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर स्थानों को देख सकते हैं।
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पिछोला झील
काफी समय से पिछोला झील, जिसका अक्स पानी में झिलमिलाता है, जो कि अरावली की हरी, नीली, भूरी पहाड़ियों से घिरी हुई है, फिल्म बनाने वालों के लिए पसन्दीदा जगह बनी हुई है, विशेष तौर पर बॉलीवुड की रिश्ते की अमेरिकन बहन ‘हॉलीवुड’ के लिए। यहाँ पर दो बेहद प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग की गई थी जिनके नाम हैं ‘‘ऑक्टोपसी’’ (1983) और ‘‘द बैस्ट एक्जॉटिक मैरिगोल्ड होटल (2011)’’ जो लोग ‘ऑक्टोपसी’ के नाम से अन्जान हैं, उन्हें हम बता दें कि यह नाम जेम्स बॉण्ड की तेरहवीं फिल्म का है जिसके मुख्य हीरो रॉजर मूर थे। ‘ऑक्टोपसी’ फिल्म का बहुत सा भाग, उदयपुर में फिल्माया गया था, जिसमें आप इस झील को अच्छे से पहचान सकते हैं, जिसमें नाव की सवारी के बाद ‘रॉजर मूर’ को नाव से उतरते हुए दिखाया गया है। ‘ऑक्टोपसी’ फिल्म में उदयपुर के और भी कई प्रसिद्ध स्थल दिखाए गए हैं, जिसमें जग मन्दिर को विशेष तौर पर फिल्म में दर्शाया गया है और यह उस फिल्म में उसके ट्रेडमार्क की तरह दिखाई देता है। दूसरी फिल्म ‘‘द बैस्ट एक्जॉटिक मैरिगोल्ड होटल’’ थी, जिसमें पिछोला झील की भव्यता और सुन्दरता दर्शाई गई है। यह फिल्म मुख्यतया रावला खेमपुर में फिल्माई गई थी, जो कि उदयपुर से लगभग 50 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, लेकिन इस फिल्म में पिछोला झील के विभिन्न, बहुत से सीन (शॉट्स) हैं, जिसमें झील की भव्यता, सुन्दरता और इसमें डूबते हुए सूर्य का झिलमिलाता दृश्य एक अद्भुत पृष्ठभूमि दर्शाता है और फिल्म की सीक्वेन्स को और अधिक सुन्दर बना देता है।
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गणगौर घाट
उदयपुर शहर के मध्य में स्थित गणगौर घाट, बागोर की हवेली के पास, पिछोला झील के किनारे पर है। यह घाट गणगौर उत्सव तथा जल-झूलनी ग्यारस (एकादशी) के अवसरों पर त्यौहारों की मस्ती और विभिन्न रीति-रिवाजों को मनाने की खुशियों का केन्द्र बना रहता है। इस घाट पर आपको सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आकर्षक और मनभावन दृश्य दिखाई देंगे, जो आपका मन मोह लेंगे। असल में, बॉलीवुड की फिल्मों में - ‘‘ये जवानी है दीवानी’’ और ‘‘गोलियों की रासलीला रामलीला’’ फिल्मों में आप बड़ी आसानी से गणगौर घाट के मनोहारी दृश्य देख कर पहचान जाएंगे।
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सिटी पैलेस
राजस्थान के महलों में सबसे ज्यादा भव्य, विशाल और ऊँचा, उदयपुर का सिटी पैलेस है। जिसकी ऊँची बालकनियां, मीनार और गुम्बद हैं तथा इस महल का मुखौटा 244 मीटर लम्बा और 30.4 मीटर ऊँचा है। चूंकि इस महल में बहुत से छोटे महलों की इमारते हैं और जिसे विभिन्न महाराणाओं (शासकों) द्वारा समय समय पर बढ़ाया गया है, फिर भी इसका डिजाइन इस प्रकार का है कि यह सब मिलकर एक ही लगता है। सिटी पैलेस को कई भारतीय फिल्मों में दिखाया गया है जैसे ‘‘ये जवानी है दीवानी’’, ‘‘गोलियों की रासलीला रामलीला’’ और ‘‘मेरा साया’’ इनमें मुख्य हैं। देव आनन्द की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ’गाइड’ के भी कुछ सीन सिटी पैलेस में ही फिल्माए गए थे। उदयपुर में फिल्माई गई फिल्मों की जब बात आती है तो हम कह सकते हैं कि ‘‘गाइड’’ फिल्म का विशेष रूप से जिक्र किया जाता है। यह इसलिए क्योंकि यह फिल्म सबसे पहले उदयपुर में फिल्माई जाने वाली फिल्मों में से एक है, जिसमें उदयपुर की सुन्दरता को दर्शाया गया था। इस फिल्म का अधिकतम भाग उदयपुर शहर के सूरजपोल, हाथीपोल और फतेह सागर के हिस्सों में शूट किया गया था। यह फिल्म उदयपुर के मुख्य महत्त्वपूर्ण सीमाचिन्हों (लैण्ड मार्क्स) पर ही नहीं फिल्माई गई थी बल्कि इसमें उदयपुर की छोटी गलियाँ और रास्ते भी दिखाए गए थे जिन में ‘‘राजू गाईड’’ पर्यटकों को घुमाता है तथा एक जगह से दूसरी जगह ले जा कर उन्हें मन्त्रमुग्ध कर देता है। उदयपुर के प्रति फिल्मों और फिल्मों के बनाने वालों (प्रोड्यूसर्स) का सिनेमाई सम्मोहन समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है, जिनमें हाल ही में उदयपुर शहर में बनाई गई फिल्म राकेश ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘‘मिर्ज़िया’’ है। इस शहर के भव्य, विलासिता से भरपूर महल और यहाँ की झिलमिलाती, आकर्षक झीलों के मनभावन दृश्य हरेक आने वाले को निहारने को बाध्य करते हैं और इसके साथ ही बड़े पर्दे यानी फिल्में बनाने वालों को भी आकर्षित करते हैं।