अरिजीतस्थान
अरिजीत की नजरों से राजस्थान
अरिजीत | 6 अक्टूबर 2017
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ताल छापर: शिकारी पंछियों का स्वर्ग
ताल छापर: शिकारी पंछियों का स्वर्ग भारत के रेगिस्तान किनारे पर राजस्थान के चुरू जिले के एक वन्यजीव अभ्यारण्य - ताल छापर - कृष्णमृग का घर, हिरण देखने के लिए सबसे अच्छा स्थल माना जाता है । रेगिस्तानी लोक कथाओं में सुंदर, पवित्र और संवेदनशील कृष्णमृग का जिक्र आता है इसलिये आज हर कोई उन्हें जानता है । यहाँ ताल छापर में कृष्णमृग और अनेक सुंदर प्राणियों को टकटकी लगा कर देखना बहुत से लोगों का प्रिय शगल है । पर बहुत सारे लोगों को नहीं पता है कि ताल छापर एक शिकारी पंछियों (रैपटर ) का स्वर्ग हैं -इनका जुरासिक पार्क के मांसभक्षी रैपटर से कोई मेल नहीं 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी होने के साथ, इनमें 40 रैप्टर हैं । अगर आप सचमुच पक्षी प्रेमी हैं तो यहाँ ताल छापर जरुर आयें ,क्यों और कैसे न सोचें, घास के लम्बें मैदान एशिया के सबसे सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों में से एक हैं ।
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ताल छापर की सैर पर
सितंबर से मार्च क्षेत्र का दौरा करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि यह प्रवास समय है और आप ऐसे पक्षियों की बहुत प्रजातियां देख सकते हैं जो या तो क्षेत्र से गुजर रहे हैं या वहां सर्दियों में प्रवास कर रहे हैं। हजारों हेरियर यूरोप और मध्य एशिया से उड़ कर सितंबर में यहाँ आते हैं ,यह दृश्य अद्भुत है। यहाँ आने के लिए हमने नवंबर को चुना और तब एक चेतावनी मिली - सुबह और शाम यहाँ बहुत ठंडक हो गई है! इसलिए हमने ताल छापर के लिए अपनी टैक्सी और फारेस्ट रेस्ट हाउस में ठहरने के लिए कमरे की बुकिंग पहले से ही करा ली थी । हम यहां रेस्ट हाउस में रहे , जिसमें केवल 4 + 2 कमरे हैं, लेकिन बहुत सारे खुले इलाके हैं। रेस्ट हाउस में हर जगह आप इतने सारे पक्षियों की तस्वीरें देख सकते हैं जिन्हें अभयारण्य में खींचा (क्लिक किया) गया था ।
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अभयारण्य
खेजड़ी के वृक्ष और सुनहरी ऊँची घास यहाँ भव्य पृष्ठभूमि रचते हैं । पंछियों और उनके क्रिया- कलापों को देर तक निहारने के लिए पानी के अनेक स्त्रोत पर्याप्त छाया के साथ मौजूद हैं.जब आप प्रवेश करते हैं, तो आप कृष्णमृग के आने और आपकी ओर उत्सुकता से देखने की प्रतीक्षा कीजिये ,वे बड़े ही मिलनसार हैं ।
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पक्षी अवलोकन
इंडियन रोलर्स (नीले पंख वाला कौवे के आकार का पंछी ) देखें .बहुत से पक्षी जो आप यहाँ देखते हैं रोलर्स हैं , वे यदि भारतीय नहीं तो निश्चित रूप से यूरोपियन हैं ।फिर अपनी कांटेदार पूंछों के कारण आसानी से पहचाने जाने वाले ड्रॉन्गस, जाते हैं ।और चारों और कलोल करते कृष्णमृग तो है ही। आगे बढ़ें और ऊपर बैठे बजार्ड को देखें । विविधप्रजातियों से लबालब इस स्थल में आप मिस्र के गिद्धों को देख सकते हैं,भारतीय चील भी, आप कभी भी नहीं जानते कि शिकार योग्य पक्षी आपकी उपस्थिति के साथ आपको अनुग्रह करेगा या फिर हमला ।सुंदर पक्षियों की कोई कमी नहीं है ताल छापर की किसी भी 1-2 दिन की यात्रा पर, आप 100 से अधिक एवियन प्रजातियों को आसानी से देख सकते हैं, यह एक जगह है जहां एक बार में कभी जी नही भरता!