Welcome to Rajasthan Tourism
राजस्थान कई राजवंशों, किलों और महलों, विविध संस्कृतियों, विभिन्न परिदृश्यों और जीवंत रंगों की एक अद्भुत धरा है। पैलेस ऑन व्हील्स इस भूमि के शाही अनुभव का सबसे अच्छा माध्यम है। जो पटरियों पर एक जगमगाते शाही मोहर वाले रथ का अवतार स्वरूप है। रेलगाड़ी सफदरजंग रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली से चलकर प्रत्येक बुधवार की रात तक, सप्ताह भर के लिए राजस्थान आती है। जिसमे आगरा और ताजमहल की यात्रा शामिल है। पगड़ी पहने हुए परिचारक तुरंत ही प्लेटफार्म तक पहुंचकर, आपको कार और सभी मौजूदा सुख सुविधाओं का विवरण देते हैं। रेल रात को चलती है और प्रत्येक सुबह एक नए पड़ाव पर पहुंचती है जहां एक नायाब अनुभव आपकी प्रतीक्षा करता है। सप्ताह भर के दौरे में कुछ शहरों में आयोजित विशेष संस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल हैं। इसकी मार्गदर्शिका आपको सरकार द्वारा अनुमोदित प्रतिष्ठानों/दुकानों पर मिल जायेगी
कुल 14 बैठेक/कमरे हैं, जिनमें से प्रत्येक चार जुड़वां बिस्तर वाले हैं जिनके साथ गर्म और ठंडे पानी के शावर युक्त स्नान सुविधाएं हैं। सोफे और सिंक सभी आधुनिक सुविधाओं को यहाँ आपके लिए जुटाया गया है: पढ़ने के लिए प्रकाश, शानदार सामानों के साथ से सजाए गए बेड, आराम हेतु साजोसामान , अलमारियां ( वार्डरोब )और बाहर के ग्रामीण इलाकों को देखने के लिए विशाल कांच की खिड़कियां। प्रत्येक कोच के बैठक/लाउंज में यात्रियों को एक कप चाय की चुस्की के साथ बाहर गुजरते शहरों को देखने का आनंद भी मिलता हैं। और हर सैलून के साथ संलग्न पेंट्री आपकी मांग पर नाश्ते का प्रबंध करता है। यहाँ आरामदायक बार-लाउंज है जहां आप अपने पसंदीदा पेय और सह् यात्रियों के साथ पुस्तक पढ़ने या बातचीत करने का आनंद ले सकते हैं। इसके साथ संलग्न दो कार रेस्तरां- महाराजा और महारानी हैं। साथ ही साथ एक स्वादिष्ट भारतीय भोज राजस्थानी, कॉन्टिनेंटल और चीनी व्यंजन का लुत्फ़ भी उठाया जा सकता हैं। शाही स्पा में भव्य माहौल के बीच विभिन्न मालिश, उपचार और कई समाधान यहाँ प्रस्तुत है। असमान्य/विकलांग के लिए व्हील चेयर, क्रैच और परिचर/सहायक की विशेष सहायता भी उपलब्ध है।
पैलेस ऑन व्हील्स दुनिया की सबसे रोमांचक रेल यात्रा में से एक है। इस यात्रा पर आपकी ज़रूरतो का पूरा ध्यान रखा जाता है। स्वयं को इन रंगों में रँग दें और एक महाराजा के समान शाही जीवन का आनंद ले । ये भ्रमण दिल्ली में शुरू होता है और जयपुर-सवाई माधोपुर-चित्तोडगढ़- उदयपुर-जैसलमेर- जोधपुर-भरतपुर- आगरा से गुजरने के बाद वापस आ जाता है। आईये आपका स्वागत है।
शाम को सफदरजंग, नई दिल्ली में पैलेस ऑन व्हील्स पर स्वागत समारोह के साथ सवारी से शुरू इस यात्रा में आपको एक महाराजा और महारानी (राजा और रानी) की तरह सम्मान दिया जाएगा। आधुनिक भारत की राजधानी, दिल्ली अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। अपने इस नए महल में विभिन्न सुविधाओं के आनंद का खुलेपन से अनुभव लें। एक पसंदीदा पेय का आनंद और स्वादिष्ट भोज भी परोसा जाएगा।
आपका पहला पड़ाव गुलाबी शहर, जयपुर होगा। यह शहर एक अद्वितीय गुलाबी रँग में भव्य वास्तुकला प्रदर्शित करता है। 1727 में तत्कालीन महाराजा, सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा स्थापित, जयपुर को अपने समय के सबसे सुव्यवस्थित शहरों में जाना जाता है। राजस्थान की राजधानी, जयपुर मुख्य रूप से अपने संगीतकारों, कलाकारों और कारीगरों के लिए जाना जाता है। आज, इसके गहनों , विविध वस्त्रों और शानदार व्यंजनों का लुत्फ़ उठाया जा सकता है।
आकर्षक स्थापत्य कला के स्थलों के बाद, सवाई माधोपुर निराला शाही अनुभव देता है। अपने राजा महाराजा सवाई माधो सिंह के नाम पर प्रसिद्ध, यह जगह रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के लिए जाना जाता है। यह वन्यजीव पार्क जानवरों की विभिन्न प्रजातियों का घर है, लेकिन सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं इसके सुंदर बाघ । वन में 10 वीं शताब्दी के प्राचीन किले के खंडहर भी हैं।
चित्तौड़गढ़ जहाँ की भूमि में गर्व और वीरता का एक जादुई आकर्षण है। इस मनोरम जगह का एक बड़ा और विस्मयकारी इतिहास है। भक्ति और दृढ़ संकल्प की भूमि, चित्तौड़गढ़ ने भारत के इतिहास में कुछ महानतम भक्तों और साहसी योद्धाओं के पृष्ठ जोड़े है। चित्तौड़गढ़ कई आक्रमणों, युद्धों, त्याग और बलिदान की ऐतिहासिक गाथाओं से भरा है जो राजपूतों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती
शान और सुंदरता की भूमि, उदयपुर का नाम इस रियासत के विशिष्ट शासक राणा उदय सिंह के नाम पर रखा गया है। झीलों के इस शहर का अपना एक गौरवशाली इतिहास है और राजस्थान के रोमांचक शहर के रूप में भी माना जाता है, इसके शासकों के अंतहीन देशप्रेम के लिए शत- शत नमन है । इतिहास,वास्तुकला और भव्यता का आनंद ले और एक सुंदर स्मृति अपने साथ लें जाये
दूसरा दिन भारत के स्वर्ण शहर, रेगिस्तान के ह्रदय जैसलमेर में। जैसलमेर जो वर्ष 1156 में स्थापित किया गया था, का नाम इसके संस्थापक रावल जैसल के नाम पर रखा गया जिसका अर्थ 'जैसल पहाड़ का किला' है। शहर देहाती सुंदरता से भरा हुआ है, और रेत के पीले रंग का मोनोक्रैमिक रंग परिदृश्य प्रस्तुत करता है। एक समृद्ध हवेली, नक्काशीदार बालकनी, अलंकृत महेराब और भव्य अग्रभाग का वास्तुशिल्प वाले शहर की सजावट आनंददायक है।
जोधपुर, राजसी महिमा की रहस्यमय भूमि, आपका गर्मजोशी से स्वागत करती हैं। वर्तमान में राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर, जोधपुर वर्ष 1459 में राव जोधा द्वारा स्थापित किया गया। राजपूत शान युक्त किले, महल और उनमें शाही जीवन का जादू अभी भी शहर में जीवित है। इस शाही स्वर्ग को, इसके नीले रंग के लिए, नीले शहर के रूप में जाना जाता है, यहां के साधारण से साधारण घरों में भी उत्तम पत्थर का काम की सजावट और नक्काशीदार जाली की खिड़कियां हैं।
महाराजा सूरज मल द्वारा 17 वीं शताब्दी में स्थापित अजेय और सुदृढ़ शहर भरतपुर। इसकी कठोर सैन्यशक्ति और मजबूती ने किले को कई बार घेराबंदी से लड़ने में मदद की। भरतपुर में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान है। यह विशाल क्षेत्र क्रेन, स्टॉर्क, हंस, किंगफिशर, पेरिग्रीज़, उल्लू, कबूतर, , बतख, हंस, पेलिकन और बी ईटर जैसे विविध पक्षियों को आकर्षित करता है, जिनमें से अनेक दुनिया के विभिन्न हिस्सों से यहाँ आते हैं ।
1504 में, दिल्ली के तत्कालीन शासक सुल्तान सिकंदर लोदी द्वारा यमुना नदी के तट पर आगरा स्थापित किया गया था। आगरा ने सदियों से कई राजवंशों का उत्त्थान -पतन देखा है। शहर में विश्व के सात आश्चर्यों में से एक -ताजमहल है । यह सफेद संगमरमर का फ़ारसी और मुगल आलेखन परंपराओं पर बना, भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से एक है। आगरा के लाल किले की यात्रा भी करें, इसके विशाल आकार की वजह से इसे आलीशान सिटी भी कहते हैं